हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए 12 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए पिछले कई दिनों से जारी चुनाव प्रचार गुरुवार शाम पांच बजे थम गया। अब सभी राजनीतिक दलों के प्रचारक और उम्मीदवार डोर-टू-डोर जाकर ही प्रचार कर सकेंगे। राज्य में बाहर से आये राजनीतिक दलों के प्रचारक और नेता शाम पांच बजे से पहले ही बाहर चले गए।इस चुनाव में 412 प्रत्याशियों की राजनीतिक किस्मत का फैसला होगा, जिनमें से 24 महिलाएं हैं। राज्य के 55,92,828 मतदाता इस चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इनमें 67559 सेवा मतदाता, 22 प्रवासी भारतीय मतदाता, 5525247 आम मतदाता तथा 38 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। राज्य में पुरुषों की अपेक्षा महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। इनमें 2737845 महिलाएं, 2854945 पुरुष तथा 38 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। मतदान के लिए उन प्रवासी मतदाताओं को मूल पासपोर्ट दिखाना होगा, जो पासपोर्ट विवरण अनुसार जन प्रतिनिधत्वि अधिनियम के तहत मतदाता सूचियों में शामिल हैं।
राज्य निर्वाचन विभाग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रदेश में 7881 मतदान केन्द्र बनाए हैं। राज्य में 157 मतदान केंद्र महिलाकर्मी संचालित करेंगी।राज्य चुनाव कार्यालय की ओर से मतदाताओं को फोटो पहचान पत्र जारी किए हैं। अगर किसी मतदाता के पास फोटो पहचान पत्र नहीं है तो वह 12 अन्य वैकल्पिक फोटो पहचान पत्र दिखाकर मतदान कर सकेगा। ये पहचान पत्र आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक या डाकघर द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की ओर से जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर अंतर्गत आरजीआई का स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र/राज्य सरकार/सार्वजनिक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों के कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र, सांसदों/विधायकों/विधानसभा परिषद सदस्यों को जारी सरकारी पहचान पत्र और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड हैं।राज्य में मतदान के दिन सार्वजनिक अवकाश रहेगा जिसके तहत सरकारी कार्यालयों, बोर्ड, निगम, शैक्षणिक संस्थान और औद्योगिक परिसरों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए अवकाश रहेगा ताकि वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें। इसके अलावा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए भी यह सवैतनिक अवकाश होगा। राज्य में 11 और 12 नवंबर को ड्राई-डे घोषित किया गया है। ऐसे में मतदान समाप्त होने तक राज्य में शराब की सभी दुकानें बंद रहेंगी।चुनाव स्वतंत्र एवं पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कराने के लिए राज्य में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। राज्य की सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है। राज्य पुलिस के 11880 जवान, 8381 होमगार्ड जवान के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 67 कम्पनियां तैनात की गई हैं। मतदान के लिए राज्य सरकार के 31536 कर्मचारियों की तैनाती की गई है।