कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 30 मई से कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 48 घंटे के ध्यान कार्यक्रम पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि ये चुनाव आचार संहिता का सीधा-सीधा उल्लंघन है। चुनाव प्रचार थमने के बाद मोदी ध्यान के जरिये चुनावी प्रतिबंधों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
पीएम मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में भी इसी चरण में मतदान होना है। सूत्रों ने कहा कि हालांकि चुनाव कानून के प्रविधान कई चरणों में होने वाले चुनाव के मामले में लागू नहीं होते हैं। यानी जब चुनाव अलग-अलग तारीखों पर होते हैं। उन्होंने इस संबंध में पिछले महीने चुनाव आयोग द्वारा जारी एक प्रेस नोट का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जब तक कोई उस इलाके के बारे में बात नहीं करता है जहां चुनाव हो रहा है, तब तक इस पर कोई रोक नहीं है।
आयोग ने पीएम को 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी इसी तरह की अनुमति दी थी जब मई में अंतिम चरण के दौरान वाराणसी में चुनाव निर्धारित था।
जहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था, वहीं जाएंगे मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को अंतिम चरण का चुनाव प्रचार थमने के बाद कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद राक मेमोरियल में दो दिन ध्यान लगाएंगे। उनके प्रवास के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 2,000 पुलिसकर्मियों के अलावा विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां कड़ी निगरानी रखेंगी। अधिकारियों ने बुधवार को तैयारियां परखीं। मोदी उसी स्थान पर ध्यान लगाएंगे जहां स्वामी विवेकानंद ने तीन दिन तक ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की ये अपील
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मीडिया द्वारा मोदी के इस ध्यान लगाने के कार्यक्रम का प्रसारण न किया जाए क्योंकि यह आचार संहिता का उल्लंघन करता है। उधर, तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने कहा है कि यदि मोदी का ध्यान कार्यक्रम प्रसारित हुआ तो पार्टी चुनाव आयोग से शिकायत करेगी।