उत्तराखंड सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। विधानसभा बजट सत्र के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सदन को जानकारी दी कि अगले 60 दिनों के भीतर 1500 वार्ड बॉय की भर्ती की जाएगी, जिससे अस्पतालों में सहायक स्टाफ की कमी काफी हद तक दूर हो सकेगी। इसके साथ ही तीन वर्षों के भीतर विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी खत्म करने का भी सरकार का लक्ष्य है।
डॉ. रावत ने बताया कि राज्य के छात्र एमबीबीएस के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे हैं और इस वर्ष से ही डॉक्टर लौटकर सेवा देने लगेंगे। वर्तमान में 204 छात्र पीजी कर रहे हैं, जिनमें से 80% पहाड़ी क्षेत्रों में सेवाएं देंगे। राज्य के पांच मेडिकल कॉलेजों में 650 सीटें हैं, जिनमें से लगभग आधे छात्र बांड के तहत पढ़ाई कर रहे हैं, जो पर्वतीय क्षेत्रों में अनिवार्य सेवा देंगे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हरिद्वार मेडिकल कॉलेज अभी पीपीपी मोड पर नहीं चल रहा है, विपक्ष की चिंताओं को निराधार बताया।
राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी को लेकर सरकार द्वारा कई अन्य कदम भी उठाए जा रहे हैं:
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272 फ्री जांच योजना के अंतर्गत अब तक 26.77 लाख से अधिक लोगों की मुफ्त जांच की जा चुकी है।
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टीबी उन्मूलन मिशन में 5000 से ज्यादा गांव टीबी मुक्त हो चुके हैं, 2025-26 तक राज्य को पूरी तरह टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है।
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मोतियाबिंद ऑपरेशन, चश्मा, आवागमन और एनीमिया जैसी बीमारियों का इलाज पूरी तरह मुफ्त किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग का यह रोडमैप न सिर्फ स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति में सुधार लाएगा, बल्कि पलायन पर भी अंकुश लगाने में मददगार साबित होगा।