यूक्रेन पर रूसी अटैक के बाद से दुनियाभर के कई देश आर्थिक संकट की समस्या का सामने करने की कगार पर खड़े हैं। यही हाल रूस के पुराने सहयोगी क्यूबा का है। पहले कोरोना महामारी और अब यूक्रेन युद्ध ने इस कैरेबियाई देश की अर्थव्यस्था को पस्त कर दिया है। भारत महामारी से पस्त क्यूबा की अर्थव्यवस्था की सहायता के लिए कदम बढ़ा रहा है। भारत क्यूबा को यह मदद ऐसे समय में दे रहा जब उसका मुख्य सहयोगी रूस यूक्रेन में सैन्य अभियानों में लगा हुआ है। क्यूबा की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार पर्यटन महामारी के चलते बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यही वजह रही कि क्यूबा की आर्थिक वृद्धि दर में 2020-21 में 10 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि 2021-22 में यह कुछ हद तक 2 प्रतिशत तक ठीक हो गई।भारत जल्द ही क्यूबा को खाद्यान्न की कमी को पूरा करने में मदद करने के लिए 100 मिलियन यूरो की लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) का विस्तार करेगा। क्यूबा के राजदूत एलेजांद्रो सिमांकास मारिन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सहयोग के लिए चार प्रमुख क्षेत्र हो सकते हैं। हम भारतीय ट्रैक्टर आयात करना चाहते हैं। हम खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में और अधिक भारतीय निवेश करना चाहेंगे।"क्यूबा के दूत ने कहा कि उन्होंने कई काफी गहन अध्ययन किया है, जिसमें भारतीय कंपनियों के लिए क्यूबा के खाद्य उद्योग, चीनी, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों, कृषि और लाइट इंडस्ट्री में निवेश करने के ठोस अवसर हैं।