38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान वेट लिफ्टिंग के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी मुश्किल सामने आई है। कुछ खिलाड़ियों ने वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए अपना वजन 8 से 12 किलो घटाया था, लेकिन अब उन्हें प्रमाणपत्रों में गलत भार वर्ग के रूप में अंकित किया गया है, जिससे उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं।
इन खिलाड़ियों में रवींद्र सिंह, बिट्टू राजपूत और दीपक जोशी शामिल हैं। रवींद्र सिंह ने 81 किग्रा भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा की थी, लेकिन उनका प्रमाणपत्र 89 किग्रा भार वर्ग का जारी हुआ है। बिट्टू राजपूत ने 89 किग्रा भार वर्ग में भाग लिया था, जबकि उन्हें 102 किग्रा का प्रमाणपत्र मिला है। इसी तरह, दीपक जोशी को 109 किग्रा भार वर्ग का प्रमाणपत्र मिला, जबकि वह 102 किग्रा भार वर्ग में खेले थे।
इन खिलाड़ियों का कहना है कि प्रमाणपत्र में गलत जानकारी होने के कारण वे उन्हें किसी भी प्रतियोगिता या आवेदन में प्रस्तुत नहीं कर सकते। अब वे खेल एसोसिएशन और खेल सचिवालय से उम्मीद कर रहे हैं कि उनके प्रमाणपत्रों को सही करके फिर से जारी किया जाए, ताकि वे आगे अपनी गतिविधियों में इसका उपयोग कर सकें।
यह घटना उन खिलाड़ियों के लिए मायूसी का कारण बनी है, जिन्होंने अपने वजन में कटौती करने का जोखिम लिया था, लेकिन अब उनके प्रमाणीकरण में गड़बड़ी होने से उनकी मेहनत और जोखिम पर सवाल उठ रहे हैं।