उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE) द्वारा घोषित 2025 की बोर्ड परीक्षा परिणामों में हिंदी विषय ने हजारों छात्रों की राह रोक दी है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में कुल 6,431 विद्यार्थी हिंदी विषय में फेल हुए हैं, जिनमें से 3,582 हाईस्कूल और 2,849 इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राएं शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों की हिंदी विषय के प्रति रुचि में कमी और विषय को हल्के में लेने की प्रवृत्ति इसके प्रमुख कारण हैं।
विषयवार परिणाम:
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हाईस्कूल में हिंदी विषय में 96.77% छात्रों ने सफलता प्राप्त की, जबकि उर्दू, पंजाबी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, और सोशल साइंस जैसे विषयों में भी उच्च प्रतिशत रहा।
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इंटरमीडिएट में हिंदी विषय में 97.20% छात्रों ने सफलता प्राप्त की, जबकि अन्य विषयों जैसे मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, और गणित में भी अच्छे परिणाम देखने को मिले।
विशेषज्ञों की राय:
शिक्षाविदों का कहना है कि हिंदी विषय को गंभीरता से न लेना छात्रों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। हिंदी में न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है, और इस विषय में ग्रेस अंक भी नहीं मिलते। इसलिए छात्रों को हिंदी विषय की महत्ता को समझते हुए उसकी तैयारी करनी चाहिए।
अगले कदम:
फेल हुए छात्रों के पास कंपार्टमेंट परीक्षा का अवसर होता है, जिसमें वे हिंदी विषय में पुनः परीक्षा देकर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, वे अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की पुनर्मूल्यांकन (स्क्रूटिनी) भी करवा सकते हैं।
इस स्थिति में, छात्रों को चाहिए कि वे हिंदी विषय की तैयारी को प्राथमिकता दें और आगामी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करें।