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post authorAdmin 03 Oct 2025

कोर्ट ने डॉक्टरों को अपनी लिखावट सुधारने को कहा, क्या है मामला.

  •  3 अक्टूबर 2025

  • डॉक्टर अपनी खराब लिखावट के लिए मशहूर हैं। "डॉक्टर की लिखावट" शब्द यूँ ही नहीं प्रचलित है, जिसका मतलब ऐसी लिखावट से है जो लगभग अपठनीय होती है , और जिसे हर मामले में सिर्फ़ फार्मासिस्ट की कला और बुद्धिमत्ता ही समझ सकती है।

आज के दौर में हम में से अधिकतर लोग लिखने की बजाए टाइप करते हैं. ऐसे समय में जब लिखने के लिए ज्यादातर कीबोर्ड का ही इस्तेमाल होता है, तो क्या हैंडराइटिंग की कोई अहमियत रह जाती है?

हां. भारत की अदालतें कहती हैं कि अगर लिखने वाला डॉक्टर है, तो हैंडराइटिंग मायने रखती है.

कई डॉक्टरों की लिखावट को लेकर चुटकुले भारत और दुनिया भर में बनते आए हैं. ऐसी राइटिंग जिसे सिर्फ़ फ़ार्मासिस्ट ही समझ पाते हैं.

लेकिन हाल ही में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने एक आदेश दिया, जिसमें स्पष्ट लिखावट पर ज़ोर दिया गया है. कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि "स्पष्ट मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन एक मौलिक अधिकार है क्योंकि यह जिंदगी और मौत से जुड़ा होता है."