पूर्व भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी और सेवानिवृत्त उच्चायुक्त वीना सीकरी ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के भारत दौरे को बेहद महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक रिश्ते हैं। अफगानिस्तान भारत का पड़ोसी देश है और दोनों देशों के बीच संबंध हमेशा से मधुर रहे हैं। अफगान नागरिक भारत में शिक्षा, व्यापार और पर्यटन के लिए आते रहे हैं।
तालिबान के 2021 में दोबारा सत्ता में आने के बाद वैश्विक समुदाय ने अफगानिस्तान के साथ राजनयिक संबंध सीमित कर दिए, लेकिन भारत ने हमेशा अफगान जनता की मदद की है
तालिबान के 2021 में दोबारा सत्ता में आने के बाद वैश्विक समुदाय ने अफगानिस्तान के साथ राजनयिक संबंध सीमित कर दिए, लेकिन भारत ने हमेशा अफगान जनता की मदद की है। हाल ही में आए भूकंप के बाद भारत ने सबसे पहले राहत सामग्री भेजकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। रूस ही एकमात्र देश है जिसने तालिबान सरकार को मान्यता दी है, जबकि भारत ने मानवीय सहायता पर ध्यान केंद्रित रखा है।
अफगानिस्तान के साथ संबंधों को फिर से मजबूत करने का निर्णय भारत के हितों और क्षेत्रीय स्थिरता को ध्यान में रखकर लिया गया है
सीकरी ने कहा कि भारत की विदेश नीति अपने राष्ट्रीय हितों पर आधारित है। अफगानिस्तान के साथ संबंधों को फिर से मजबूत करने का निर्णय भारत के हितों और क्षेत्रीय स्थिरता को ध्यान में रखकर लिया गया है। आज की तारीख में जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री भारत के दौरे पर हैं तो पाकिस्तान अफगानिस्तान पर बम गिरा रहा है, अब वहां के लोग समझ रहे होंगे कि हमारा मित्र पाकिस्तान है या फिर हिंदुस्तान।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों द्वारा भारत के खिलाफ साजिशें रची जाती हैं, जिन्हें रोकना दोनों देशों के लिए जरूरी है
आतंकवाद पर चर्चा करते हुए वीना सीकरी ने जोर दिया कि भारत और अफगानिस्तान के बीच इस मुद्दे पर गहन बातचीत हुई होगी। भारत ने स्पष्ट किया होगा कि वह नहीं चाहता कि अफगानिस्तान की धरती से भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियां संचालित हों। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों द्वारा भारत के खिलाफ साजिशें रची जाती हैं, जिन्हें रोकना दोनों देशों के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत-अफगानिस्तान संबंधों का मजबूत होना आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। यह दौरा दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा देगा और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
(इनपुट-आईएएनएस)