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post authorabhishek 11 May 2022 954

संगीतकार पंडित शिव कुमार शर्मा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.

साढ़े छह दशक तक संगीत-मंचों पर किसी पहाड़ी झरने की तरह कल-कल बहने वाला संतूर बुधवार की सुबह हमेशा के लिए खामोश हो गया। इस कश्मीर लोक वाद्य को विश्व भर में पहचान दिलाने वाले संतूर वादक और संगीतकार पंडित शिव कुमार शर्मा का मंगलवार की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे।उनके सचिव दिनेश ने बताया कि मुंबई के पाली हिल स्थित आवास पर सुबह आठ से साढ़े आठ बजे के बीच शर्मा ने अंतिम सांस ली। अगले सप्ताह उन्हें भोपाल में एक कार्यक्रम प्रस्तुत करना था। वे गुर्दे की समस्याओं से भी पीड़ित थे। पद्म विभूषण से सम्मानित शर्मा का जन्म 1938 में जम्मू में हुआ था। माना जाता है कि वे पहले संगीतकार थे जिन्होंने संतूर को भारतीय शास्त्रीय संगीत में प्रतिष्ठित किया।

बांसुरी वादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ शर्मा की जोड़ी को ‘शिव-हरि’ का नाम दिया गया था। इस जोड़ी ने ‘सिलसिला’, ‘लम्हे’ और ‘चांदनी’ जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया, जिसे लोगों ने बेहद पसंद किया। शिवकुमार के बेटे राहुल शर्मा भी एक संतूर वादक हैं। प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान ने ट्वीट कर शर्मा के निधन को एक युग का अंत कहा।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शर्मा के संतूर के खामोश होने पर दुख जताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन को सांस्कृतिक जगत की क्षति कहा, तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उन्हें संगीत जगत का गौरव बताया। शर्मा के एक पारिवारिक सूत्र ने बताया, ‘उनका नियमित डायलिसिस होता था, फिर भी वह नियमित कामकाज करते रहते थे।’ उनके परिवार में पत्नी मनोरमा और बेटे राहुल तथा रोहित हैं।दिवंगत शास्त्रीय गायक पंडित जसराज की बेटी दुर्गा जसराज ने कहा ‘मैंने अपना दूसरा पिता खो दिया। वह सुबह बाथरूम में अचेत हो गए। उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह बच नहीं पाए।