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post authorabhishek 15 Apr 2022 966

देहरादून स्थित ड्रोन एप्लीकेशन रिसर्च सेंटर (डीएआरसी) पुलिस अधिकारियों को ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण दे रहा है.

देहरादून - देश विरोधी ताकतों द्वारा ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किए जाने की आशंका को देखते हुए, देहरादून स्थित ड्रोन एप्लीकेशन रिसर्च सेंटर (डीएआरसी) पुलिस अधिकारियों को ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण दे रहा है। यूपी एटीएस का पहला बैच डीएआरसी से प्रशिक्षित हो चुका है।जिसमें पुलिस अधिकारियों को ड्रोन से संभावित खतरों से निपटने के साथ ही ड्रोन सर्विलांस का प्रशिक्षण दिया गया है।

आईटीडीए निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि जितना जरूरी अवैध ड्रोन को काबू करना है, उतना ही अहम तेजी से डेटा सुरक्षित कर इसके संचालकों तक पहुंचना है।ड्रोन से कानून व्यवस्था पर ज्यादा प्रभावी नजर रखी जा सकती है। अभी पुलिस इस मामले में सिर्फ सीसीटीवी फुटेज पर निर्भर है। पुलिस में ड्रोन इस्तेमाल बढ़ना तय है। इसी क्रम में यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। केंद्र सरकार अब ड्रोन उड़ाने के लिए रेड, येलो और ग्रीन जोन चिह्नित कर चुकी है। एयरपोर्ट, रक्षा संस्थान जैसे परिसरों से लगता पांच किमी का दायरा रेड जोन में आता है। इसके बाद इन संस्थानों के पांच से आठ किमी का दायरा येलो जोन में चिह्नित है।येलो जोन में एटीसी की अनुमति से उड़ान संभव है। जबकि इसके बाद ग्रीन जोन शुरू होता है, हालांकि ग्रीन जोन में भी अधिकतम चार मीटर ऊंचाई तक ही बेरोकटोक ड्रोन उड़ाना संभव है। केंद्र सरकार ड्रोन उड़ान के लिए पंजीकृत संस्थानों से सर्टिफिकेट भी अनिवार्य कर चुकी है। इसके साथ ही राज्य सरकार भी ड्रोन पॉलिसी लेकर आ रही है।