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post authorabhishek 17 Apr 2022 1221

सेना के कमांडरों के पांच दिवसीय सम्मेलन में शीर्ष कमांडर चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं की मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का आकलन करते हुए इसकी समीक्षा करेगा .

 नई दिल्ली - सेना के कमांडरों के पांच दिवसीय सम्मेलन में शीर्ष कमांडर चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं की मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का आकलन करते हुए इसकी समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्वविक कूटनीति और सामरिक रणनीति में हो रहे बदलावों पर भी मंथन किया जाएगा। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे 18 से 22 अप्रैल तक होने वाले कमांडर कांफ्रेंस की अध्यक्षता करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी देश के शीर्ष कमांडरों के साथ एक सत्र में उनके रूबरू होंगे। यह सम्मेलन वस्तुत: सेना के लिए वैचारिक स्तर पर विचार-विमर्श का एक संस्थागत मंच है, जहां भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष के पहले कमांडर कांफ्रेंस के दौरान भारतीय सेना का वरिष्ठ नेतृत्व हमारे सीमाओं पर जारी आपरेशनल परिस्थि‍तियों की समीक्षा करेगा। साथ ही सीमा पर टकराव वाले पूरे क्षेत्र में खतरों का आकलन कर हमारी क्षमताओं को बढ़ाने और आपरेशनल तैयारी से जुड़ी क्षमताओं की कमी का विश्लेषण कर इसे बेहतर बनाने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के किसी भी प्रभाव का मूल्यांकन से संबंधित पहलुओं पर चर्चा के लिए भी एक सत्र होगा।सम्मेलन में भारतीय सेना में कार्य सुधार, वित्तीय प्रबंधन, ई-वाहनों को शुरू करने और डिजिटलीकरण से संबंधित प्रस्तावों के अतिरिक्त क्षेत्रीय कमांडों द्वारा तय किए गए एजेंडा के तमाम बिंदुओं पर वरिष्ठ कमांडर आपसी विचार-विमर्श करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 21 अप्रैल को शीर्ष कमांडरों को संबोधित करेंगे।