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post authorabhishek 07 May 2022 1021

मानव तस्करी रोकने के लिए शुक्रवार को  रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और बचपन बचाओ आंदोलन के बीच एक समझौता हुआ है.

मानव तस्करी रोकने के लिए शुक्रवार को  रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और बचपन बचाओ आंदोलन के बीच एक समझौता हुआ है। यह करार ट्रैफिकिंग को रोकने के और जागरूकता लाने के लिए किया गया है। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने 1980 में बचपन बचाओ आंदोलन(बीबीए) की स्थापना की थी। इसका मकसद बच्चों के खिलाफ होने वाली किसी भी किस्म की हिंसा का खात्मा और एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जहां सभी बच्चे मुक्त, स्वस्थ व सुरक्षित हों और उन्हें अच्छी शिक्षा मिले।आरपीएफ और बचपन बचाओ आंदोलन एक दूसरे के साथ परस्पर मिलकर काम करेंगे। संगठन आरपीएफ को संचार सामग्री साझा करके, वॉयस मैसेजेस और वीडियो क्लिप आदि के जरिए जागरूकता पैदा कर आरपीएफ को सहयोग करेगा। इन मैसेजेस और वीडियो क्लिप को नियमित रूप से ट्रेनों और स्टेशनों पर चलाया जाएगा। इससे अपराधियों के बीच डर पैदा करने में मदद मिलेगी।

इस दौरान बीबीए और आरपीएफ के साझा बयान जारी कर कहा कि बचपन बचाओ आंदोलन आरपीएफ के लोगों के लिए तकनीकी सहयोग, प्रशिक्षण और जागरूकता कैंपेन का आयोजन करेगा। इस मौके पर बचपन बचाओ आंदोलन की सीईओ रजनी सेखरी सिबल ने कहा कि देश में बच्‍चों की ट्रैफिकिंग रोकने के लिए रेलवे सुरक्षा बल के साथ जुड़कर काम करने में हमें गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल के दौरान बचपन बचाओ आंदोलन ने दस हजार से ज्‍यादा बच्‍चों को ट्रैफिकिंग से बचाया था। इनमें से ज्‍यादातर रेलवे स्‍टेशनों से बचाए गए थे। उन्होंने ये भी कहा कि हम भविष्‍य में भी रेलवे सुरक्षा बल के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।आरपीएफ के डायरेक्‍टर जनरल संजय चंदर ने चाइल्‍ड ट्रैफिकिंग के खिलाफ लड़ाई में बीबीए की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इस समझौते से इस लड़ाई को और मजबूती मिलेगी।