kotha
post authorabhishek 10 May 2022 1221

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 28.37 करोड़ लोगों ने दुर्घटना कवर के लिए नामांकन किया है - निर्मला सीतारमण.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई जन सुरक्षा योजनाओं के चलते आम आदमी की पहुंच बीमा और पेंशन तक हो सकी है। यह बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना की सातवीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि बीते सात सालों में इन योजनाओं के तहत नामांकित और लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या इनकी सफलता का प्रमाण हैl प्रधानमंत्री मोदी ने नौ मई, 2015 को इन तीनों योजनाओं की शुरुआत की थी।वित्त मंत्री ने कहा, 'जीवन ज्योति बीमा योजना शुरू होने के बाद से अब तक 12.76 करोड़ लोगों ने बीमा कवर के लिए नामांकन कराया है। इस दौरान 5,76,121 लोगों के परिवारों को दावे के रूप में 11,522 करोड़ रुपये मिले हैं। यह योजना कम आय वाले परिवारों के लिए महामारी के दौरान बेहद उपयोगी साबित हुई। वित्त वर्ष 2020-21 में भुगतान किए गए लगभग 50 प्रतिशत दावे कोरोना महामारी में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों ने किए थे।' उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत के बाद एक अप्रैल, 2020 से लेकर 23 फरवरी, 2022 तक कुल 2.10 लाख दावों का भुगतान 4,194.28 करोड़ रुपये के 99.72 प्रतिशत की निपटान दर के साथ किया गया। 

सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत भी 28.37 करोड़ लोगों ने दुर्घटना कवर के लिए नामांकन किया है। इस दौरान 97,227 दावों के मद में 1,930 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है।प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाइ) दो लाख रुपये का जीवन बीमा कवर प्रदान करती है जबकि पीएमएसबीवाई के तहत मौत या स्थायी विकलांगता की स्थिति में दो लाख रुपये और अस्थायी विकलांगता की स्थिति में एक लाख रुपये मिलते हैं। वित्त मंत्री ने अटल पेंशन योजना (एपीवाई) का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक चार करोड़ से अधिक लोग इस पेंशन योजना के तहत पंजीकरण करा चुके हैं।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए नीतिगत बदलावों ने निजी क्षेत्र के लिए नए अवसर पैदा किए हैं। उन्होंने कहा कि अब निजी क्षेत्र उन वस्तुओं का भी निर्माण कर सकता है जो कभी सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान बनाया करते थे। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान अवसरों को मैन्यूफैक्चरिंग अवसरों को सीमित रखा गया था। सीतारमण ने कहा कि वर्ष 1991 में उदारीकरण के एलान के बाद कुछ अच्छी चीजें हुईl